याद कीजिये लोक सभा चुनाव से पहले का संसद मे राहुल गाँधी का भाषण । पूरा देश नयूक्लर डील पर माथा पकडे था और राहुल लोगो का परिचय महारास्त्र की कलावती से करा रहे थे कोंग्रेस को कलावती के सहारे किसानो में वोट की फसल दिख रही थी। कलावती के नाम का असर था या फिर लोगो का विस्वास सत्ता में कोंग्रेस आई और क्या खूब आई ।, राहुल के युवा नेतृतव ने मनो जादू कर दिया ..अब बारी २०१२ के उत्तर परदेश चुनावो की है , दिली के संसद भवन का रास्ता यू पी से ही हो कर जाता है ऐसे मे राहुल को यू पी मे भी १ कलावती की जरुरत होगी राहुल मै १ ऐसी ही कलावती को जानता हूँ vअक्त मिले तो आप इसे जरूर मिलना नहीं तो कम से कम अपने क्रिक्केटर संसद को तो भेजना
१ बंद कमरे के मकान में रहती हे ये कलावती माफ़ कीजियेगा इसका नाम मरजीना है पीतल नगरी के नाम से मशहुर मुरादाबाद के रतन पुर मोहल्ले मै पाच भाई बहिनों के साथ जिन्दगी गुजार रही मरजीना के सर पर किसी का साया नही कमरे के १ कोने मे गेहू की रास्ते से उठा कर लायी बाल्लिया रखी है लेकिन उनसे आटा कैसे बनेगा कोई नही जानता मरजीना की उमर महज १४ साल है बाकि भाई बहिन उससे छोटे है १ साल पहले मुझसे मरजीना की मुलाकात हुई दुनिया भले ही उसे १४ साल की लड़की मानती हो लेकिन मैंने उसमे १ अनुभवी महिला को देखा । उसके हालत देख मैंने उसके परिवार के बारे मे पूछा, तो पता चला २ साल पहले उसके मजदूर माता पिता दुनिया के भरोसे उसे छोड़ दुनिया से विदा हो गए अब५ भाई बहिनों का सहारा मरजीना है. कैमरे के सामने बोलते हुए उसकी आखो के आसू मुझे भी परेसान कर रहे थे ॥ सवालों के जबाब सुन जब में चुप हो गया तो मरजीना खुद ही बोल पड़ी । जानते हो सर मेरा गाव ambedkar ग्राम है लेकिन मेरी उमर १८ साल नहीं है इसे लिए मुझे इन्द्रा आवास नहीं मिला जिस दिन वोट डालने जाऊगी मेरा भी नंबर आ जायेगा ।
मरजीना के सबसे छोटे भाई की उमर महज ३ साल है .दिन में मरजीना ईट के भट्टे पर मजदूरी करती है महज ४० रुपये पुरे घर को चला रहे है। ऐसे में मरजीना भाई के चाय मागने पर उसे महज गर्म पानी देकर चुप कराती हैमैंने मरजीना को बहुत जानने की कोसिस की ..लेकिन उसकी आखो का दर्द उसकी जुबान पर भारी पड जाता था मायावती के सपनो के गाव में मरजीना के सपनो को शायद कोई जगह नहीं ऐसे मे उसकी उम्मीद अगर राहुल से है तो क्या गलत है आखिर राहुल सत्ता के सबसे बड़े ब्रांड अम्बेसडर है लेकिन पीतल नगरी का विदेशों से आने वाला अरबो रुपया जब मरजीना के आसू नहीं पोछ पाया तो राजनीती के धुरंदर राहुल भी १ कोसिस कर ले ...
मेरी कोसिस ये नहीं की मै मरजीना की गरीबी को आप तक पंहुचा कर उसका मजाक उडाऊ। में सिर्फ राहुल और उनकी पार्टी को यू पी के २०१२ मिसन को फ़तेह करने का सुझाव दे रहा हु लोक सभा चुनाव में आपने कलावती की गरीबी को सहारा बनाया इस बार मरजीना का दाव चलिए राहुल मै आपको इस लिए भी सुझाव दे रहा हु क्योकि दलित भोज के नाम पर आपके नेता गावो मै बिसलेरी की बोत्तले और हलवाई ले कर गए थे। उन पर विस्वास कम होता है आप जिम्मेदार है। इस लिए आप ही १ बार मरजीना से मिल रास्ता तैयार कीजिये / मरजीना की गरीबी जब आपकी जुबान से सुनाइ देगी तो शाएद उसके आसू कम हो जाय अंत मे राहुल १ राज की बात ये भी है की मरजीना जीना जानती है उसे आपसे किसी मदद की उम्मीद नही हँ अगर वो आप के कम आ गयी तो उसे ही खुसी होगी लेकिन ध्यान रखियेगा अपने २५ साल बाद मोरादाबाद में जीत दिलाने वाले सांसद अजहर को मत भेजिएगा क्या है की उन्हें मरजीना की गरीबी से ज्यादा परेसान गाव की गलिया व् गंदगी करेगी कही बीमार न पड जाय
राहुल आप समझे या नहीं लेकिन यही १ रास्ता आपको भाता है। महंगाइ के दौर में मरजीना ही आपकी विफलता को ढक सकती है शाएद मरजीना को भगवन ने इसी लिए बनाया हो............................................................
भुवन चन्द्र
मोरादाबाद
९४१२९२१२७१
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1 comment:
राहुल बाबा की राजनीती के बारे में सिर्फ इतना ही कहना चाहूँगा
....कौम के गम में डिनर खाते हैं हुक्काम के साथ
...रंज इनको भी है ,मगर है आराम के साथ ...!!
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